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अब भी ना, कहीं जो भी सुन हो जाते हैं
मैं समझता हूँ एक शादी शुदा होकर अकेले रहने का दर्प क्या होता है।
पहुँत अच्छी तरह से जानता हूँ।
मैं पनी पती के साथ बहुत फ़ुश हूँ।
क्यों छूट बोल गयी हो तुम?
अब भी ना, कहीं जो भी सुन हो जाते हैं
मैं समझता हूँ एक शादी शुदा होकर अकेले रहने का दर्प क्या होता है।
पहुँत अच्छी तरह से जानता हूँ।
मैं पनी पती के साथ बहुत फ़ुश हूँ।
क्यों छूट बोल गयी हो तुम?